BJP-RSS के जीन में है आबंडेकर का अपमान..... BJP नेता करते हैं दलितों से घृणा

jitendra.dhabarde@gmail.com / 9822241517 2024-12-19 15:07:17.0
img

नागपुर : अमित शाह ने लोकतंत्र के मंदिर में बाबा साहेब को जिस तरह अपमानित किया, वो एक कुंठा और द्वेष से भरे मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है। गृहमंत्री जैसे पद पर विराजमान व्यक्ति द्वारा संविधान निर्माता का सरेआम अपमान करना बताता है कि BJP के नेताओं में दलितों के प्रति कितनी नफरत और घृणा भरी है |

दरअसल अमित शाह ने बाबा साहेब का नहीं बल्कि देश के करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों को अपमानित किया है। उन्होंने हर उस आदमी को अपमानित और जलील करने की कोशिश की है, जो न्याय, लोकतंत्र और संविधान में विश्वास रखता है। लेकिन इस देश के करोड़ों दलितों को ये याद रखना पड़ेगा कि अमित शाह द्वारा बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करना BJP-RSS की परंपरा का हिस्सा है। संघ की शाखाओं में यही तो सिखाया जाता है। गरीबों, दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार करना ये लोग अपना अधिकार समझते हैं। पहले इस देश का दलित गुलाम था। उसे दास बनाकर बंधुआ मजदूरी करवायी जाती थी। उस पर तरह-तरह के अत्याचार होते थे। दलितों, शोषितों को इन अत्याचारों से बचाने के लिए आंबेडकर जी ने बहुत मेहनत की। आंबेडकर जी भारत के हर आदमी को न्याय दिलाने की बात करते थे। वो चाहते थे कि सभी के लिए एक जैसा कानून हो- संविधान। आंबेडकर की यही बात RSS को खटकती थी। क्योंकि RSS के लोग दलितों और गरीबों को इंसान नहीं समझते। वे इन्हें गुलाम बनाकर ही रखना चाहते थे। यही कारण है कि RSS शुरू से ही आंबेडकर और संविधान का विरोध करता रहा है। ये लोग आंबेडकर को अपना असली दुश्मन मानते हैं। जब बाबा साहेब ने संविधान बना दिया तो RSS ने ये कहकर इनका अपमान किया कि इस संविधान में भारतीय जैसा कुछ है ही नहीं। RSS ने आजादी से लेकर आजतक संविधान को खत्म करने के लिए कई कुचक्र रचे, मगर कभी गांधीजी, कभी नेहरू जी तो कभी राहुल गांधी जी ने ढाल बनकर संविधान को बचाया। संघ के सरसंघचालक एमएस गोलवलकर अक्सर कहा करते थे कि इस देश का भला आंबेडकर के संविधान से नहीं हो सकता। वो चाहते थे कि यह देश संविधान नहीं बल्कि मनुस्मृति के हिसाब से चलाया जाए। यही बात मोहन भागवत और मनमोहन वैद्य भी कहते हैं। आज जिन-जिन प्रदेशों में BJP-RSS की सरकार है, वहां-वहां दलितों, आदिवासियों, वंचितों पर अत्याचार चरम पर है। मध्यप्रदेश तो RSS का प्रयोगशाला है। इसलिए यहां दलितों और आदिवासियों पर सबसे अधिक अत्याचार किया जाता है। यहां कभी दलितों पर पेशाब किया जाता है तो कभी आदिवासियों को मल खिलाकर पीटा जाता है।

अब देश के दलितों, शोषितों और आदिवासियों को ये सोचना पड़ेगा कि वो उन्हें अधिकार और न्याय दिलाने वाले बाबा साहेब के साथ हैं या बाबा साहेब का अपमान करने वाले BJP-RSS के साथ।

Related Post