Sun Nov 24 11:22:27 IST 2024
नागपुर : नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, नागपुर (एनसीआई) नागपुर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सहयोग से भारतीय अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स-पीडियाट्रिक हेमाटोलॉजी एंड ऑन्कोलॉजी चैप्टर के मार्गदर्शन में आयोजित दो दिवसीय 9वीं मिड टर्म पीएचओ सीएमई 2024 शनिवार को शुरू हुआ।सीएमई का समापन रविवार को होगा।
इस वर्ष 9वीं मिड टर्म पीएचओ की थीम है | "Tiny warriors, mighty battles: Joining hands for Childhood AML". "Breaking the Chain, Embracing strength: Sickle Cell Disease". एनसीआई में बाल रोग विशेषज्ञ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पंकज द्विवेदी आयोजन सचिव और डॉ. तृप्ति दाभाले सम्मेलन की कोषाध्यक्ष हैं। 9वीं मिड टर्म पीएचओ सीएमई 2024 का उद्घाटन समारोह शनिवार को कन्वेंशन सेंटर, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, नागपुर में हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एम्स नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी जोशी उपस्थित थे। आईएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत खलटकर भी मौजूद थेे। पीएचओ भारतीय बाल रोग अकादमी का एक उप-विशेषता अध्याय है जो बाल चिकित्सा हेमाटोलॉजी ऑन्कोलॉजी से संबंधित है। पीएचओ अध्याय के पूरे भारत में 1500 से अधिक सदस्य हैं। अध्याय के सदस्य रक्त विकार और कैंसर से पीड़ित बच्चों की देखभाल में सक्रिय रूप से शामिल हैं। पीएचओ अंतरराष्ट्रीय संकाय की भागीदारी के साथ सालाना दो राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करता है। पीएचओ का नेतृत्व पीएचओ के अध्यक्ष डॉ. श्रीपद बनावली और सचिव डॉ. मानस कालरा करते हैं। उद्घाटन समारोह में डॉ. ज्योतिष पटेल की पुस्तक बेंच टू बेडसाइड का विमोचन भी शामिल है। डॉ. कालरा, डॉ. वसंत खालटकर के हाथों पीएचओ न्यूज़लैटर के विमोचन की भी घोषणा की। इस शानदार समारोह में पांच सिकलसेल योद्धाओं को भी सम्मानित किया गया। एनजीओ संगवारी के लिए डॉ. योगेश कालकोंडे, नास्को के लिए श्री गौतम डोंगरे, भारत सरकार के सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम के निदेशक पद्मश्री डॉ. यजदी इटालिया, स्वर्गीय श्री संपत रामटेके और डॉ. दीप्ति जैन को सिकलसेल रोग के खिलाफ युद्ध में उनके शानदार योगदान के लिए सम्मानित किया गया। शनिवार को सम्मेलन के एजेंडे में वयस्क तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) शामिल था। रविवार, 14 जुलाई सिकल सेल रोग को समर्पित है। तीन दिवसीय कार्यक्रम में लगभग 66 विशेषज्ञ सत्र, 15 पैनल चर्चाएँ, नर्सों के साथ- -साथ डॉक्टर प्रतिनिधियों के लिए 2 प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ, कार्यशालाएँ और विशेषज्ञों के साथ चर्चाएँ शामिल हैं। सम्मेलन में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी और हेमाटोलॉजी के प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय संकाय भी शामिल हैं जैसे कि डॉ. माइकल देबौन, डॉ. हिमाली सबनीस, डॉ. सुहाग पारीख, डॉ. लक्ष्मणन कृष्णमूर्ति और लगभग 350 राष्ट्रीय संकाय और प्रतिनिधि।
इसके पूर्व शुक्रवार को प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशाला का आयोजन किया गया।सम्मेलन में शुक्रवार को तीन अलग-अलग दिन की कार्यशालाएँ हुई- ऑन्कोलॉजी पर कार्यशाला, हेमाटोलॉजी पर कार्यशाला और नर्सिंग बिरादरी के लिए एक कार्यशाला। कार्यशाला में लगभग 200 नर्सों ने भाग लिया। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रबंधन, एडवोकेट सुनील मनोहर, अध्यक्ष; श्री अजय संचेती, उपाध्यक्ष, श्री शैलेश जोगलेकर, महासचिव और सीईओ, सीए आनंद औरंगाबादकर, कोषाध्यक्ष और डॉ. आनंद पाठक, चिकित्सा निदेशक ने हमेशा वैज्ञानिक विचारों को प्रोत्साहित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि एनसीआई के प्रतिभा पूल के लिए नवीनतम उपकरण, प्रशिक्षण और अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध हो। यह सम्मेलन नवीनतम शोध निष्कर्षों, चिकित्सीय सफलताओं और रक्त संबंधी तथा ऑन्कोलॉजिकल चुनौतियों का सामना कर रहे बच्चों के परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से किए जाने वाले सहयोगात्मक प्रयासों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।